आर्टिकल 370 एवं 35A की समाप्ति के बाद कश्मीर
15 अगस्त 1947 को आजादी के बाद भारत में सैकडों छोटे-छोटे राज्य थें। जिनमें अलग-अलग राजाओं का राज्य था। सरदार बल्लभ भाई पटेल ने सभी राज्यों की राज्यशाही को समाप्त कर एक समग्र भारत के रुप में बदल दिया।
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आर्टिकल 370 एवं 35A की समाप्ति |
जूनागड़, हैदराबाद और कश्मीर अभी शेष रह गये थे। सरदार बल्लभ भाई पटेल ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए, सफल और अथक प्रयासों से जूनागड़ और हैदराबाद को भी समग्र भारत में अंग बना दिया।
कश्मीर के राजा हरि सिंह कश्मीर को स्वातंत्र राज्य के रुप में रखना चहाते थे। और इसकी चर्चा सरदार पटेल जी से की, उन्होने इसका निर्णय राजा हरि सिंह पर ही छोड दिया।
किन्तु पाकिस्तान की बुरी नजर कश्मीर पर टिकी थी। बह चाहता था कि हरि सिंह कश्मीर का विलय पाकिस्तान में कर दें। इसीलिए वह तरह-तरह के सडयंत्र रच रहा था। और अपनी लालची प्रवृत्ति से बाज नही आ रहा था।
बदलाव एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है, जो लगातार चलती रहती है
तभी अचानक पाकिस्तान ने वहां कबिलाई लोगों एवं अपनी सेना के माध्यम से कश्मीर पर आक्रमण कर दिया। और कश्मीर के भीतर पाकिस्तानी आक्रमणकारी घुस गये।
राजा हरि सिंह ने 24 अकटूबर 1947 को भारत के प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरु से सहायता की अपील की, जिसे अस्विकार कर दिया गया।
विलय पत्र पर हस्ताक्षर
26 अकटूबर 1947 को पुन: सहासता कि अपील की, जिसे पटेल जी के हस्तक्षेप से स्वीकार करने के बाद।विलय पत्र पर हस्ताक्षर के साथ ही विधिवत रुप से कश्मीर समग्र भारत का अभिन्न अंग हो गया।
सरदार बल्लभ भाई पटेल ने एअर चीफ मार्शल को तुरन्त कश्मीर की सहासता और पाकिस्तानी आक्रमणकारियों को कश्मीर से बाहर खदेड देने का आदेश दिया।
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भारतीय वायु सेना तुरन्त कश्मीर पहुची और आक्रमणकारियों को कश्मीर से खदेडना शुरु कर दिया। भारतीय सेना और वायु सेना ने अपने आदमय साहस का परिचय देते हुये कुछ ही समय में लगभग आधे कश्मीर से पाकिस्तानी आक्रमणकारियों को खदेड दिया।
किन्तु पटेल जी की सम्पर्ण कश्मीर को पाकिस्तानी आक्रमणकारियों से मुक्त कराने की बात को ना मानते हुये, आपरेशन कश्मीर को पूर्ण हूए बिना ही।प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरु ने बीच में ही युद्ध विराम की घोषणा कर दी, और आधा कश्मीर अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे में ही रह गया।
जिसे आज POK पाकिस्तान आधिकारिक कश्मीर कहा जाता है। जो मुख्य रूप से वह भारतीय भूमि है। और राजनीतिक हित साधने के लिए, संविधान में धार 370 और आर्टिकल 35A को जुडबाकर कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान कर दिया।
जिससे वहां विल्कुल भी विकास नहीं हो पाया। वहां केवल परिवारवाद और आतंकवाद का ही विकास हुआ।
Pok से आज भी पाकिस्तानी सेना आय दिन गोलाबारी / सैलिंग और फायरिंग करती रहती है।
कोरोना वायरस से बचाव का एक मात्र साधन है
जिससे अनायास ही हमारे सैनिकों को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ती है। अपने प्राण गाने पड़ते हैं। और आतंकवादी घुस पैठ का करते रहते हैं।जिससे समस्त भारतवर्ष को बहुत हानि उठानी पडती है।
किन्तु वर्तमान मोदी सरकार ने राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय देते हुये धारा 370 एवं 35A को समाप्त करने का अध्यादेश पारीत कर एक कीर्तिमान स्थापित किया।
अंत्ता समस्त क्षेत्र को शासन की दृष्टि से 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख दो अलग - अलग केन्द्र शासित प्रदेश घोषित कर किया। और 31 अक्टूबर 2019 से यह प्रभावी हो गया।
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