कोरोना वायरस से संघर्ष का लॉकडाउन 




बहुत सी तैयारियों के बावजूद कोरोना वायरस से लडाई के लॉकडाउन में इन देशों की चुनौतियां बड़ी हैं। यह देश प्रयास नहीं कर रहे हैं, ऐसा नहीं है। यह सभी विकसित देश अपनी सम्पूर्ण शक्ति से लगे हैं। फिर भी चुनौतियां बडती ही जा रही हैं




कोरोना वायरस से लडाई का लॉकडाउन
कोरोना वायरस से लडाई का लॉकडाउन



यह लड़ाई एक ऐसे आदृश्य शत्रु से है जो अभी बहुत ताकत वर है, इसी कारण से यह सभी प्रभावित देश सक्ष्म होते हुये भी अपने आप को असाहय महसूस कर रहे हैं।




इस सबको ध्यान में रखते हुए ही हम सबको भारत को इस आद्रश्य शत्रु से लडने और विजय प्राप्त करने के लिए और जादा कड़े कदम उठाने पडेंगे, इसके लिए प्रत्येक भारतीय को तैयार रहना पडेगा। कोरोना वायरस से बचाव का एक मात्र साधन है



डब्लूएचओ के आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित 01 व्यक्ति हजारों लाखों व्यक्तियों तक पहुचा सकता है, जैसे कि पहले -


01-01लाख व्यक्तियों पहुचने में 67 दिन लगे, 

01-02 लाख तक 11 दिन, 

02-03 लाख तक पहुचने में मात्र 04 दिन ही लगे।



कोरोना वायरस कितनी तेजी से फैलता है, हमें इसके बडने की इस तीव्र गति को  तुरंत समझ कर सावधान होना होगा, अन्यथा कोरोना वायरस को रोकना बहुत मुश्किल हो जायेगा।



एक दिन के जनता कर्फ्यू में पूरे देश ने सहयोग दिया और जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए आप सभी प्रासंशा के पात्र हैं, देश आप सभी का आभरी है।




प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देश को कोरोना वायरस के विषय में समवोधित करते हुए 24/03/2020 की रात 12:00 बजे से अगले 21 दिनों तक का लाउक डाउन किया जा रहा है, इसे एक तरह से कर्फ्यू ही माना जाये।




कोरोना वायरस से लड़ने 


कोरोना वायरस से लड़ने के लिए यह एक निर्णायक लड़ाई है। यह कठिन वक्त है। यह वक्त संयम रखने का और धैर्य एवं अनुशासन की घड़ी है, हमें एकजुटता से इस अदृश्य वायरस रुपी शत्रु से लडाई जीतनी है और आप
की एकजुटता से हम (भारत) जीतेंगे।




स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए कम - से -कम 21 दिनों का समय चाहिए ही चाहिए, जिससे कि हम कोरोना वायरस से लडाई जितने में सक्षम हो सकें। बदलाव एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है, जो लगातार चलती ही रहती है। 




21 दिनों तक हमें बाहर निकलना भूल जाना होगा। घर में ही रहें और औरों को भी घरों में ही रहने के लिए प्रेरित करें। यह अति आवश्यक है।




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हांथ जोडकर यह  प्रार्थना 135 करोड भारतीयों से की है।




कोरोना वायरस मतलब

को = कोई भी

रो  = रोड पर

ना = ना निकले।




जो देश कोरोना वायरस को कुछ नियंत्रित कर पाये हैं। उनके नागरिकों ने पूरी तरह से लाउक डाउन का पालन किया। उनके नागरिक बिलकुल घरों से बाहर नहीं निकले और कोरोना वायरस से तभी जीता जा सकता है। जब घरों से बाहर ना निकला जाये।



अगर कोरोना वायरस की चेन को तोड़ लिया जाये तो वायरस अपने आप ही समाप्त हो जायेगा। इस वक्त हम दूसरी स्टेज पर हैं। जो गम्भीर है, हमें इस गम्भीरता को गम्भीरता से ही लेना होगा।




21 दिन बाद भी कोरोना वायरस के असर के असर से लड़ने के लिए भारत को बहुत कुछ करना होगा। तब जाकर हम इस कोरोना वायरस से जंग को जीत पायेंगे।




विश्व स्वास्थ्य संगठन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों से लगातार संपर्क, सलाह और चर्चा को ध्यान रखते हुए निर्णयों में ध्यान रखा जा रहा है। जो भी आवश्यक है वह किया जा रहा है।



कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आवश्यक रूप से मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग काम भी किया जा रहा है। इलाज के वक्त पूरी सावधानी का ध्यान रखा जा सके।
पर्यावरण में प्लास्टिक और पालीथीन एक अंतहीन समस्या नहीं




डॉक्टर कितने खतरे में काम कर रहे हैं। प्राशान के लोग, साफ सफाई यह सभी कोरोना सेनानी कितने खतरे मे काम कर रहे हैं। और मीडिया भी कितना खतरा उठा कर खबरें आप तक पहुचाते हैं।

हम सब मिलकर उनके लिए प्रार्थना करते हैं। जो दिन रात सेवा में लगे हुये हैं।



कुछ लोगों की लापरवाही, गलत सोच पूरे देश को बहुत बड़ी मुश्किल में डाल सकती है। इसलिए सावधानी और गम्भीरता से लडना है। यह मानव जाति और अदृश्य वायरस से युद्ध हमें जीतना है।

साथ ही बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दबा ना ले।




हमारे प्रधानमंत्री की इच्छा शक्ति का लोहा पूरा विश्व मनता है। सरकार द्वारा 15 हजार करोड़ की राशि कोरोना से लड़ने के लिए दी जा रही है।




हमारी भारत सरकार हर समभ्व प्रयास में लगी है। कोरोना से जीतने के लिए अभी सबसे बडा एक तरिका सोसल डिस्टेंसिंग ही है।
और साथ ही हमें भी निर्दोषों का पलन करना है। 




जिससे हम इस वायरस से इस वायरस शीघ्र अति शीघ्र जीत सके। इसलिए हम सबको कोरोना वायरस से लडाई के इस लॉकडाउन गम्भीरता से पालन करना है।