कोरोना वायरस से बचाव का एक मात्र साधन



कोरोना वायरस से बचाव का एक मात्र सावन है सोसल डिस्टेंसिंग ही है।
भारत में जब एक भी कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज नहीं था।तभी विदेश से आने वाले लोगों की एरपोर्ट पर जांच शुरू करना आरम्भ कर दिया गया।




कोरोना वायरस से बचाव का साधन
कोरोना वायरस से बचाव का साधन 



भारत में जब 550 कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति थे। उसी समय भारत सरकार ने कठोर निर्णय करते हुए 25 मार्च - 14 अप्रैल 2020 तक 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया। और 21 दिनों के इस लॉकडाउन का देश बहुत बड़ा लाभ हुआ।




लॉकडाउन नहीं होता तो देश को बहुत बड़ी हानि होती। जो देश के समक्ष बहुत भयंकर दृश्य होता। तो कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या लाखों में पहुँच सकती थी। वह दृश्य अत्यंत भयंकर होता।



यह लॉकडाउन का ही लाभ है, कि लाखों के स्थान पर, अभी हमारे भारत देश में हजारों की संख्या में ही कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति हैं। यह केवल लॉकडाउन के कारण ही सम्भव हो पााया। अन्यथा स्थिति अनियन्त्रित और असाय हो सकती थी।



भारतीयों ने कष्ट सहती कर देश को बचाया है। इसलिए हम हमारे देश के नागरिकों के हृदय से आभारी हैं।
बदलाव एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है, जो लगातार चलती ही रहती है। 



कोरोना की इस महामारी

 पर विजय प्राप्त करने के लिए। भारत सरकार ने सभी राज्य सरकारों से विचार विमर्श किया। और साथ ही सभी राज्य सरकारों से सुझावों का भी आवाहन किया गया।



सभी सुझावों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा यह निश्चित किया गया कि अभी 15 अप्रैल - 03 मई 2020 तक 19 दिनों का और लॉकडाउन जारी रहेगा।



क्योंकि अभी कोरोना वायरस की ना कोई वैक्सीन है और ना ही कोई मेडिसिन है। अत: हमने लॉकडाउन का जो मार्ग चुना है, वही हमारे लिए सर्वोत्तम है।




हमें सामाजिक दूरी का बहुत अधिक लाभ हुआ है। हम जितना अधिक सामाजिक दूरी का पालन करेंगे।
लॉकडाउन के दिन भी उतने ही कम होते जायेंगे।और हम शीघ्र ही सामान्य स्थिति को प्राप्त एवं कोरोना वायरस की इस महामारी पर विजय प्राप्त कर लेंगे।




सभी राज्य सरकारों ने अपनी पूर्ण जिम्मेदारी से कार्य किया है। इसके लिए सभी राज्य सरकारें धन्यवाद की पात्र हैं। कई राज्यों ने पहले से अग्रिम लॉकडाउन बढाने की घोषणा कर दी।



हमें ऐसे ही इन 19 दिनों के लॉकडाउन में रहना है, जैसे हम रहते आये हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण जहाँ नहीं है, वहाँ हमें फलने नहीं देना है।



भारत सरकार द्वारा 20 अप्रैल तक समपूर्ण भारत की स्थिति को बहुत ही सावधानी और गम्भीरता से दृष्टि रखी जायेगी। जहां - जहां भी कोरोना वायरस संक्रमण नहीं है, वहां कुछ नियमों के साथ सीमित छुट दी जा  सकती है।



जो लोग प्रति दिन कमाते और खाते हैं ऐसे ही लोगों को ध्यान में रखकर यह निर्णय किया गया है। किन्तु इसमें लापरवाही की गई तो इन सभी छुपा को तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया जायेगा। और लॉकडाउन का शक्ति से पालन कराया जायेगा



अतः हमें सरकार द्वारा जारी किये गये प्रत्येक दिशा निर्देश का अक्षरसः पालन करना होगा। जिससे हम सब कोरोना नाम की इस महामारी पर शीघ्र अति शीघ्र विजय प्राप्त कर ले।
आर्टिकल 370 एवं 35A की समाप्ति



माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने समस्त भारतवासीयों से 7 मंत्रो पर सात मांगा है-




1- बुजुर्गों का ध्यान रखें।
2- सोसल डिस्टेंसिंग।
3- आयुष मंत्रालय के इम्यूनिटी बडाने बाले निर्दोशो का पालन करें।
4- आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करें।
5- गरीबों का सहयोग करें।
6- किसी की नौकरी ना ले।
7- कोरोना योद्धाओं का सम्मान करें।



1-अपने बडों एवं बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें जिनको कोई बिमारी है।
उनकी प्रत्येक आवश्यकताओं जो भी उन्हें चाहिए। उनकी छोटी से छोटी बात का, इसमें लापरवाही ना करें।



2-सोसल डिस्टेंसिंग सामाजिक दूरी का हमें कोरोना से युद्ध में शस्त्र की तरह उपयोग करना है। क्योंकि अभी भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व के अभी कोई औषधि एवं वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।



हमारे पास अभी एक मात्र सामाजिक दूरी ही बचाव का उपाय है




3-आयुष मंत्रालय के इम्यूनिटी बडाने बाले सभी दिशानिर्देशों का पालन अवश्य करें। यह सुझाव हमें कोरोना के युद्ध में आवश्यक होंगे।



4-आरोग्य सेतु एप को प्रतेक फोन में डाउनलोड करें। यह आरोग्य सेतु एप आपको आपके आस - पास यदि कोई कोरोना पीड़ित है, तो आपको पहले ही सावधान कर देग।



5-कोरोना महामारी से युद्ध के समय गरीबों की हमें बड - चढ कर सयोग करना है। क्योंकि आपके आस-पास गरीब व्यक्तियों की आपको सटीक जानकारी होगा। और सही समय पर उनका सहयोग कर सकते हैं।



6-हमारे सभी व्यापारी बन्धुओं को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि उनके कार्यालयों में, गोदामों, फैक्टरीयों और व्यापारीकरण प्रतिष्ठानों में कार्य कर रहे कामगारों ना निकलें। किसी कर्मचारी को नौकरी से ना निकलें
इस संकट की घड़ी में उनके आर्थिक हितों और घर परिवार का ध्यान रखें।



7-कोरोना वायरस से युद्ध में सिधे तौर पर जूझ रहे हमारे कोरोना योद्धाओं- डॉक्टर, नर्स, हास्पिटल का समस्त स्टाप, हमारे सुरक्षा कर्मी और हमारे स्वछता कर्मीयों का उतना बडाने का कार्य करना है। सभी कोरोना योद्धाओं का सम्मान करें



जिससे हमारे कोरोना योद्धा प्रत्येक समय नये उत्साह से कोरोना महामारी के इस युद्ध में हमारे साथ कन्धे से कन्धा मिला के डटे रहें।
और हम शीघ्र ही विजय हो जायेें।



हमें पहले से जादा सावधानी रखनी होगी। आपको खाने पीने की समस्या है। यातायात की समस्या है। इसके बाद भी प्रत्येक भारतीय अपनी पूर्ण क्षमता के साथ अडिग है। यह सराहनीय है।



हमारे किसान भाईयों को फसल की कटाई और फसलों को मण्डी पहुचाने की छुट मिलेगी।
आजाद पुर मंडी में सैनेटाइजर टनल के माध्यम से मंडी आने वाले लोगों को सैनेटाइज किया जा रहा है।



अभी 600 सौ से जादा हास्पिटल कोरोना से रक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं। देश में 220 से जादा टैस्टिंग लैव कार्य कर रही हैं। आज हम 20,000/- टैस्टिंग कर रहे हैं। 20 अप्रैल के बाद 1,00,000/- टैस्टिंग करेंगे।



अभी 10,000 हजार कोरोना पीड़ितों पर 1 लाख बैड की व्यवस्था है। पिछले 24 घंटे में 1221 कोरोना पीड़ित बडे हैं। दिल्ली में 1510 नये मामले सामने आये हैं।



आगरा में कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं था। किन्तु अगले ही दिन 30-40 संक्रमण की सूचनाएं आ गयी। कोरोना कहां से आयेगा, कैसे आयेगा। यह किसी को पता नहीं। इसलिए एक मात्र शस्त्र सामाजिक दूरी का गम्भीरता से पालन करें।



आज भारत के पास 39 हजार PPE किट उत्पादक हैं। दिल्ली सरकार के पास 27,000 PPE किट पहुची। इसके लिए दिल्ली सरकार ने केन्द्र सरकार का आभार और धन्यवाद व्यक्त किया।
तीव्रता से किटों का उत्पादन किया जा रहा है। साथ ही बडे पैमाने पर मास्क का उत्पादन हो रहा है।




यदि आपके पास मास्क उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, इस परिस्थिति में घर पर बने मास्क का उपयोग अवश्य कीजिए।अन्यथा हमें गमछा तौलिया, स्वच्छ नैपकिन और किस्सा पेपर का उपयोग कीजिए।



हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विश्व कलयाण हेतु वैज्ञानिकों से कोरोना वैक्सीन बनाने का आवाहन किया है CSIR द्वारा वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल किया जायेगा



विश्व कलयाण हेतु वैज्ञानिकों से कोरोना वैक्सीन बनाने का आवाहन किया है। CSIR द्वारा वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल किया जायेगा।



वैक्सीन एवं दवाई दोनों का ट्रायल किया जायेगा। वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल की तैयारी हो रही है। वैज्ञानिकों का प्रयास है कि विश्व में कहीं भी वैक्सीन उपलब्ध होगी तो उसी दिन से हमारे यहां भी उपलव्ध हो।



अमेरिका में लगभग 5,82,207 कोरोना पीड़ित हैं। इसी प्रकार इटली में लगभग 1,59,516 कोरोना पीड़ित व्यक्ति हैं। जो चिंता का विषय है।



आज समस्त भारतीयों के साथ, समस्त विश्व को भी इसकी कड़ी तोडना बहुत आवश्यक है। क्योंकि कोरोना वायरस से बचाव का एक माात्र साधन
सोसल डिस्टेंसिंग या 2गज की दूरी ही है